Strength does not come from physical capacity. It comes from an indomitable will.
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Saturday, April 30, 2016
Strength
Friday, April 29, 2016
Thursday, April 28, 2016
Wednesday, April 27, 2016
Power
You have power over your mind - not outside events. Realise this, and you will find strength.
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नाखून बता सकते हैं आपकी सेहत का हाल
नाखून बता सकते हैं आपकी सेहत का हाल
आधे सफेद और गुलाबी नाखून गुर्दे से संबंधित बीमारियों के संकेत।
स्वस्थ नाखूनों के लिए विटामिन ए, पोटेशियम, फॉस्फोरस युक्त आहार लें।नाखूनों को रखें साफ और जैतून के तेल से करें मालिश।उभारयुक्त नाखून किडनी की बीमारी की ओर करते हैं इशारा।
फ्रेंच मैनीक्योर नेल्स कैसे पाएं
नाखून साफ और स्वस्थ हों तो सुंदरता में चार-चांद लगाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि नाखून सिर्फ सुंदरता तक सीमित नहीं होते, ये आपकी सेहत का हाल भी बयां करते हैं। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि नाखूनों और आपकी सेहत में क्या संबंध है।
आमतौर पर लोग नाखूनों की देखभाल को तवज्जो देना भूल जाते हैं। जबकि नाखून हमारी खूबसूरती का एक अहम हिस्सा तो होते ही हैं, साथ ही ये हमारे स्वस्थ होने का भी अहसास करते हैं। बाल और नाखून स्किन का ही हिस्सा हैं। नाखूनों का निर्माण नेल मैट्रिक्स से होता है।
हमारे शरीर में नाखून पीछे वाले हिस्से में स्किन के नीचे होता है। नाखून बनने पर यह स्किन के नीचे से ऊपर की ओर निकल कर बढ़ता है। नाखून उंगली के जिस छोर पर जाकर खत्म होता है वह हिस्सा "सी मार्जिन ऑफ नेल" कहलाता है। शरीर के इस हिस्से से हम खुजलाने का काम लेते है। यह नेल प्लेट जिस जगह पर उंगली की त्वचा से जुडी होती है वहीं स्किन का बहुत ही महीन आवरण होता है यह अंश क्यूटिकल्स कहलाता है। नाखूनों में किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन हो तो स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो जाना चाहिए।
हाल ही में हुए शोध में सामने आया है कि नाखूनों को देखकर भी आपकी सेहत के बारे में पता लगाया जा सकता है। दुनियाभर में हुए कुछ शोधों के अनुसार यह तथ्य प्रमाणित हो चुका है कि विभिन्न बीमारियों में नाखूनों का रंग बदल जाता है। जैसे सफेद रंग के नाखून लीवर से संबंधित बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस की खबर देते हैं।
पीले नाखून (जो आकार में मोटे हों और धीरे-धीरे बढ़ते हों) फेफड़े संबंधी बीमारियों के परिचायक हैं। आधे सफेद और आधे गुलाबी नाखून गुर्दे से संबंधित बीमारियों के संकेत देते हैं। यदि नाखूनों का रंग पीला है या उनकी पर्त सफेद है तो यह लक्षण शरीर में खून की कमी (एनीमिया) का लक्षण है। नाखूनों का पीलापन पीलिया के लक्षण को भी बताता है।
यदि आप को किसी नाखून का ऊपरी सिरा फटा दिखाई पडे या नाखून में पीलापन नजर आए या कभी नाखून चम्मच जैसा दिखे, नाखून धंसा नजर आने लगे तो आपको तुंरत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और सलाह लेना चाहिए। जरूरी नहीं कि यह नाखूनों की ही कोई बीमारी हो, बल्कि ऐसे लक्षण शरीर में बीमारी होने की संभावना का संकेत देते हैं। यह देखा गया है कि नाखूनों से पीलिया, एनीमिया का पता चलता है। यही नहीं नाखूनों से कुछ बडी बीमारीयों जैसे- फेफडों का कैंसर, दिल की बीमारी व थायराइड की गडबडी आदि का भी पता चलता है।
आपके नाखूनों का बदलता रंग आपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ बयान कर देते हैं। अगर हम ये कहें की नाखून आपके सेहत का हाल बयान करते हैं तो ये गलत नहीं होगा। जानिए नाखूनों से कैसे मिलता है स्वास्थ्य का संकेत।
स्वास्थ्य का संकेत
कमजोर नाखून :
कमजोर या नाजुक नाखून शरीर में कैल्शियम की कमी को दर्शाते हैं। अगर ये सूखे हों या बहुत जल्दी टूट जाएं, तो आपको थायराइड की समस्या हो सकती है।
उभारयुक्त नाखून :
आपको किडनी से संबंधित बीमारी हो सकती है। ये विटामिन ए और प्रोटीन की कमी को भी दर्शाते हैं।
नाखूनों में पीलापन :
आपको सांस संबंधी समस्या, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस हो सकती है। इस स्थिति में नाखून मोटे हो जाते हैं और उनकी वृद्धि रुक जाती है।
गहरे किनारे के सफेद नाखून :
ऐसे नाखून पीलिया की निशानी हो सकते हैं। इस अवस्था में लीवर में शिकायत हो सकती है।
💅सेहत के लिए कुछ अन्य संकेत
फेफड़ों से संबंधी बीमारी होने पर नाखून पीले पड़ जाते हैं और आकार में मोटे हो जाने के साथ धीरे-धीरे बढ़ते हैं।अगर आप के नाखूनों की पर्त सफेद है, तो ये भी एनीमिया का लक्षण होता है। शरीर में खून की कमी और पीलिया होने पर इनका रंग पीला हो जाता है।सफेद रंग के नाखून लीवर से संबंधित बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस की खबर देते हैं।आधे सफेद और आधे गुलाबी नाखून गुर्दे से संबंधित बीमारियों के संकेत देते हैं।
ऐसे रखें नाखूनों को स्वस्थ
विटामिन बी 7 युक्त भोजन लें। यह दाल और सब्जियों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इससे नाखूनों की कमजोरी दूर होगी।विटामिन ए, पोटेशियम, फॉस्फोरस युक्त आहार लें। यह रेड मीट, मछली और दूध के उत्पादों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।फलियां, अंडे और सलाद के रूप में कच्ची सब्जियां खाएं। इनमें जिंक होने की वजह से नाखून मजबूत होते हैं।नाखूनों की समय-समय पर सफाई करके उनकी जैतून के तेल से मालिश करें।
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Tuesday, April 26, 2016
Monday, April 25, 2016
Eyes
Eyes are Useless when the mind is Blind, So stay fit and do Yoga. My Special Blind(Divyang) Students www.sdpsyoga.blogspot.com
Sunday, April 24, 2016
Success
The difference between a successful person and others is not a lack of strength, not a lack of knowledge, but rather a lack in will.
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Saturday, April 23, 2016
Ordinary
The difference between ordinary and extraordinary is that little extra.
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Friday, April 22, 2016
Winners
S D Public School Yoga Team won 1st Prize in world Earth Day Program (Government of India)
Received Award From Guinness Book World Record Holder Shri
Har Parkash (Guinness Rishi)
Thursday, April 21, 2016
Today
I believe in living today. Not in yesterday, nor in tomorrow.
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Wednesday, April 20, 2016
🛐कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद है योग🛐
🛐कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद है योग🛐
समय पर निदान होने से हो सकता है कैंसर का उपचार।योग करने से कैंसर जैसी बीमारी से सकता है बचाव।यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर मेडिकर सेंटर ने किया है शोधभरपूर नींद लेकर कैंसर से किया जा सकतता है बचाव।
बच्चों को कैंसर होने पर ऐसे करें देखभाल
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, अगर इसका समय पर निदान हो जाये तो कुछ हद तक उपचार संभव है। कैंसर के उपचार बहुत ही खर्चीला और पीड़ादायक होता है।
अगर नियमित व्यायाम और खानपान में सावधानी बरती जाये तो काफी हद तक कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से शरीर को दूर रखा जा सकता है। कई शोधों में भी यह बात सामने आयी है कि नियमित योग करने से कैंसर से बचाव किया जा सकता है। इस लेख में विस्तार से जानिये कि योग कैंसर जैसी बीमारी से किस तरह बचाव करता है।
⚛क्या कहते हैं शोध
योग करने से कैंसर के रोगियों को रात में अच्छी नींद आती है। शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। यह दावा अमेरिका में हुए एक नए शोध में किया गया है। न्यूयार्क में यूनिवर्सिटी आफ रोचेस्टर मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने 400 से अधिक कैंसर रोगियों पर यह शोध किया। इन मरीजों को दो समूहों में बांटा गया। एक समूह को एक महीने के लिए हफ्ते में दो बार योग कराया गया।
शोध के दौरान पाया गया कि योग करने वाले रोगियों ने नींद की दवाओं में कटौती की। उनकी रात में नींद की गुणवत्ता में 22 प्रतिशत का सुधार आया। थकान भी आधी हो गई। साथ ही उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार आया। यह सुधार उन रोगियों के मुकाबले दोगुना था जिन्होंने योग नहीं किया।
यह शोध अमेरिकन सोसाइटी आफ क्लीनिकल ऑन्कोलॉजी की बैठक में प्रस्तुत किया गया। इसके प्रमुख शोधकर्ता कैरन मस्टियन ने कहा, हमारे पास कैंसर के रोगियों के पास थकान से निपटने के अच्छे उपाय नहीं थे। हालांकि कुछ रोगी नींद लेने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इन दवाओं का 'साइड इफेक्ट' होता है। उन्होंनें कहा कि यह परिणाम योग के सभी रूपों पर लागू नहीं होता है।
योग के अन्य फायदे
योग शरीर के लिए बहुत फायदेमं है, नियमित योग करने से दिमाग शांत रहता है और याद्दाश्त बढ़ती है। यह शरीर के संतुलन को बनाये रखने में भी मददगार है।
अच्छा स्वास्थ्य केवल बीमारियों से दूर रहना ही नहीं है बल्कि अपने मन और भावनाओं के बीच सन्तुलन स्थापित करना है। योग से आपको सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त होता है, इससे न केवल बीमारियां दूर होती हैं बल्कि यह व्यक्ति को गतिशील, खुश और उत्साही बनाता है।
विभिन्न योग मुद्राओं और श्वांस क्रियाओं के सामंजस्य के कारण योग से शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है। यह दिल को भी मजबूत बनाता है और दिल को रोगी होने से भी बचाता है।
ऐसे विभिन्न आसन, जिनमें आप थोड़े समय के लिये सांस रोकते हैं, आपके हृदय और धमनियों को स्वस्थ रखते हैं। योग से बेहतर रक्त संचार होता है जिससे रक्त का ठहराव नहीं होता और हृदय स्वस्थ होता है।
योग से तनाव कम होता है। व्यस्त दिनचर्या के कारण तनाव और थकान होना सामान्य है, लेकिन नियमित योग करने से थकान और तनाव से बचाव होता है।
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आपके स्वास्थ्य के बारे में बताती है जीभ
👅आपके स्वास्थ्य के बारे में बताती है जीभ
शरीर की छोटी-छोटी बीमारी का पता आप अपनी जीभ को देखकर लगा सकते है। यानी आप अपनी जीभ की त्वचा, रंग और नमी के आधार पर अपने स्वास्थ्य का पता लगा सकते हैं। आइए जानें आपकी जीभ के कौन से संकेत आपके सेहत के किस राज को खोलती हैं।
जीभ से सेहत की जानकारी
क्या आप जानते हैं कि आपकी जीभ स्वाद के साथ-साथ आपकी सेहत के बारे में भी बताती है। जी हां, आयुर्वेद के अनुसार जीभ का संबंध शरीर के कई हिस्सों से होता है। इसलिए शरीर की छोटी-छोटी बीमारी का पता आप अपनी जीभ को देखकर लगा सकते है। यानी आप अपनी जीभ की त्वचा, रंग और नमी के आधार पर अपने स्वास्थ्य का पता लगा सकते हैं। आइए जानें आपकी जीभ के कौन से संकेत आपके सेहत के किस राज को खोलते हैं।
जीभ का फीका रंग
आयुर्वेद के अनुसार, जीभ का फीका रंग शरीर में ब्लड की कमी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा चीन में की जाने वाली चिकित्सा में यह भी माना जाता है कि जीभ का फीका रंग फेफड़े में किसी प्रकार की समस्या का संकेत भी हो सकता है।
जीभ का ज्यादा गहरा रंग
जीभ का ज्यादा गहरा रंग, यानी की दूर से देखने पर जीभ का बैंगनी प्रतीत होना, उच्च कोलेस्ट्रॉल की तरफ इशारा हो सकता है। इसके अलावा ब्रोंकाइटिस की समस्या होने पर भी यह लक्षण हो सकते हैं। चीनी चिकित्सा के अनुसार, जीभ का गहरा रंग शरीर में सही तरह से रक्त संचार न होने का संकेत हो सकता है।
जीभ का बहुत ज्यादा लाल होना
जीभ का रंग लाल ही होता है, लेकिन अगर जीभ का रंग बहुत अधिक लाल हो गया है तो यह शरीर में विटामिन बी और आयरन की कमी की ओर इशारा करता है। जबकि आयुर्वेंद इसे आंतों की गर्मी का संकेत मानते हैं।
जीभ का हल्का पीला होना
जीभ का हल्का पीला रंग डिहाइड्रेशन, बुखार, नाक की बजाय मुंह से सांस लेना या अत्यधिक धूम्रपान करने का संकेत हो सकता है। इस समस्याओं से बचने के लिए मुंह की सफाई का ध्यान रखें। ऐसा करने से आपकी जीभ धीरे-धीरे गुलाबी होने लगेगी।
जीभ पर सफेद परत
एक स्वस्थ जीभ के ऊपर गहरी गुलाबी, चिकनी और सफेद रंग की पतली परत वाली होती है। लेकिन अगर यह परत मोटी सफेद और हल्का पीलापन लिये हुए है तो यह पाचन तंत्र में गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। इससे यह भी पता चलता है कि आपने एंटिबॉयटिक दवाओं का सेवन ज्यादा मात्रा में किया है और इससे आपके मुंह के बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ गया है।
जीभ पर नमी की कमी
जीभ पर नमी की कमी होना स्लाइवा ग्लैंड में सूजन का संकेत हो सकता है। इसके अलावा नमी की कमी से रक्त में शर्करा की मात्रा भी बढ़ जाती है। इसलिए जीभ पर कम नमी हो तो इसे नजरअंदाज न करें।
जीभ में सूजन
जीभ में सूजन किसी बीमारी का संकेत देती है। इन बीमारियों में जीभ का कैंसर, ओवरएक्टिव थायरॉइड, ल्यूकीमिया, एनीमिया और डाउन सिंड्रोम शामिल है। इसके अलावा एलर्जिक इंफेक्शन के कारण भी जीभ में सूजन आ सकती है।
जीभ की त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते
जीभ की त्वचा पर लाल या गाढ़े गुलाबी रंग के चकत्ते शरीर में विटामिन सी में पाए जाने वाले बायोफ्लवोनॉइड्स की कमी का संकेत हो सकता है जिससे मसूड़ों की समस्या हो सकती है। इसके अलावा यह एक्जिमा या दमा जैसे रोगों का लक्षण भी हो सकता हैं।
जीभ पर छाले होना
जीभ पर छोटे व दर्द भरे छाले होना यूं तो एक आम समस्या है। इसके पीछे तनाव, चिंता और हॉर्मोन में हो रहे बदलाव कारण हो सकते हैं। हालांकि ये किसी खास बीमारी के लक्षण नहीं होते और कुछ ही दिनों में ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन कुछ खास प्रकार के छाले शरीर में एलर्जी रिएक्शन, वायरस इंफेक्शन और इम्यून डिसऑर्डर का संकेत हो सकते हैं। तो यदि जीभ एक ओर से दर्द बढ़ रही हो और उसमें दर्द हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं। यह कैंसर का लक्षण भी हो सकता है
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Tuesday, April 19, 2016
Monday, April 18, 2016
Success
Success without contribution, responsibility and a meaningful path has no real value.
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Sunday, April 17, 2016
Saturday, April 16, 2016
Friday, April 15, 2016
Positive
In order to carry a positive action, we must develop here a positive vision.
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Wednesday, April 13, 2016
Tuesday, April 12, 2016
Yoga poem
Yog hi mera bhog
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DEVANSHI MAHAJAN😛
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