नमस्कार

जानें नमस्‍कार करने का क्‍या है महत्‍व और लाभ
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भारतीय संस्‍कृति के दौरान बड़ों का सम्‍मान करने के दौरान हाथ स्‍वयं ही नमस्‍कार मुद्रा में जुड़ जाते है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि नमस्‍कार का अपना एक महत्‍व और उससे कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी है।

नमस्‍कार का महत्‍व और लाभ

भारतीय संस्कृति में मंदिर में दर्शन करते समय या किसी सम्माननीय व्यक्ति से मिलने पर हमारे हाथ स्वयं ही नमस्कार मुद्रा में जुड़ जाते हैं। नमस्‍कार हमारी संस्‍कृति का ऐसा हिस्‍सा है, जो सदियों से हमारी जीवनशैली से जुड़ा हुआ है। नमस्‍कार करना सम्‍मान के साथ आपके संस्‍कार भी दिखाता है। इस भाव का अर्थ है कि लगभग सभी मनुष्‍य के हृदय में एक दैवीय चेतना और प्रकाश है जो हृदय च्रक में स्थित होता है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि नमस्‍कार का अपना एक महत्‍व और उससे कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी है।

दिल में मजबूती

हमारे हाथ के तंतु मस्तिष्क के तंतुओं से जुड़े होते हैं। नमस्कार करते समय हथेलियों को दबाने से या जोड़कर रखने से हृदयचक्र और आज्ञाचक्र में सक्रियता आती है जिससे जागृति बढ़ती है और जागृति से मन शांत और चित्त में प्रसन्नता आती है। साथ ही आपका दिल मजबूत होता है तथा निर्भिकता बढ़ती है।

रक्‍त संचार का बढ़ना

हाथ जोड़ने से शरीर के रक्त संचार बढ़ने लगता है। मनुष्‍य के शरीर में सकारात्‍मक और नकारात्‍मक दोनों तरह के भाव होते है। लेकिन नमस्‍कार करने यानी हाथ जोड़ने से दोनों आयनों के मिलने से एनर्जी का प्रवाह होता है जिससे शरीर में सकारात्‍मकता का समावेश अधिक होता है।

विनम्र बनता है व्‍यक्ति

हाथ जोड़कर नमस्कार करना एक मनोवैज्ञानिक पद्धति है। हाथ जोड़कर आप जोर से बोल नहीं सकते, अधिक क्रोध नहीं कर सकते और भाग नहीं सकते। यह एक ऐसी पद्धति है जिसका आप पर मनोवैज्ञानिक दबाव रहता है। इसप्रकार नमस्‍कार करने से व्यक्ति अपने आप ही विनम्र हो जाता है।

प्‍यार और स्‍नेह को करता है उजागर

नमस्‍कार के पीछे छुपे वैज्ञानिक रहस्‍य केवल कुछ ही लोग जानते हैं। नमस्‍ते करते समय आप दोनों हाथों को अपने सीने के सामने जोड़ते हैं, जहां पर अनाहत चक्र स्‍थापित होता है। यह चक्र प्‍यार और स्‍नेह को उजागर करता है। इससे आपके अंदर दूसरे के प्रति स्‍नेह का भाव आता है।

एक्यूप्रेशर का काम करें

जब सभी उंगलियों के शीर्ष एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और उन पर दबाव पड़ता है। एक्यूप्रेशर के कारण उसका सीधा असर हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है, इससे हम सामने वाले व्यक्त‍ि को लंबे समय तक याद रख सकते हैं।
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