Ghant Naad

घंट नाद~
🔔मंदिर में प्रवेश करते समय बड़ा घंटा बंधा होता है। प्रत्येक भक्त पहले
घंटनाद करता है और मंदिर में प्रवेश करता है। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है ?  जब हम बृहद घंटा के निचे खडे रहकर सर ऊंचा करके हाथ उठाकर  घंटा बजाते है , तब प्रचंड घंटनाद होता है। यह ध्वनी 330 मिटर प्रति सेकंड  वेग से अपने उदगम स्थान से दुर जाती हैं  और ध्वनी की यही शक्ति कंपन के माध्यम से प्रवास करती  है। आप उस वक्त घंटा के नीचे खडे़ होते हैं। अतः ध्वनी का नाद आपके सहस्र सार च्रक में प्रवेश कर शरीर
मार्ग से भूमि मे प्रवेश करता है। यह ध्वनि प्रवेश करते समय आपके मन में (मस्तक में ) चलने वाले असंख्य विचार , चिंता, टेंशन, उदासी, स्ट्रेस, इन नकारात्मक विचारों को अपने साथ ले जाती हैं और आप निर्विकार अवस्था में परमेश्वर के सामने जाते हैं। तब अपने
मन के भाव शुद्ध स्वरूप में परमेश्वर तक निश्चित रूप में पहुचते हैं।

इसीलिए मंदिर मे प्रवेश करते समय घंटनाद जरुर करें और थोडा समय घंटे के नीचे खडे रह कर घंटा नाद का आनंद जरूर लें। आप चिंतामुक्त व शुचिर्भूत बनेगें। मन ईश्वर की दिव्य ऊर्जा ग्रहण करने हेतू तैयार होगा।
ईश्वर की दिव्य ऊर्जा व मंदिर गर्भ की
दिव्य ऊर्जा शक्ती आपका मन ग्रहण करेगा। आप प्रसन्न होंगे और शांति मिलेगी |                
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