ताड़ आसान

ताड़ासन, यह योग आसन करने से शरीर ताड के वृक्ष के समान मजबूत बनने से इसे यह नाम दिया गया हैं। शरीर को मजबूत और सुडौल बनाने के साथ अपनी लंबाई / Height बढ़ाने के लिए यह श्रेष्ठ आसन माना जाता हैं।

ताड़ासन की विधि, लाभ और सावधानी से जुडी सारी जानकारी निचे दी गयी हैं :

ताड़ासन विधि 
एक समतल और स्वच्छ जगह देखकर वहाँ चटाई, दरी या योगा मेट बिछा दे। अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाकर और दोनों हथेलियों को बगल में रखकर सीधे खड़े हो जाये। 
दोनों हाथों को पार्श्र्वभाग से दीर्घ श्वास भरते हुए ऊपर उठाये। हाथों को ऊपर लेजाकर हथेलियों को मिलाये और हथेलियां आसमान की तरफ ऊपर की ओर होनी चाहिए।
हाथों की उंगलियां आपस में मिली होनी चाहिए। जैसे-जैसे हाथ ऊपर उठे, वैसे-वैसे पैर की एड़ियां भी ऊपर उठी रहनी चाहिए। हाथ ऊपर उठाते समय पेट अंदर लेना चाहिए।
शरीर का भाग पंजों पर रहेंगा।
शरीर ऊपर की ओर पूरी तरह से तना रहना चाहिए। कमर सीधी, नजर सामने की ओर गर्दन सीधी रखनी चाहिए। ताड़ासन की इस स्तिथि में लम्बी सांस भरकर 1 से 2 मिनिट तक रुकना चाहिए। अब धीरे-धीरे सांस छोड़कर निचे आकर पूर्व स्तिथि में आना हैं।1 से 2 मिनिट रुककर दोबारा इसी क्रिया को दोहराना हैं। इस आसन को प्रतिदिन अपने क्षमता और अभ्यास अनुसार 10 से 15 बार करे।  

ताड़ासन के लाभ 

दीर्घ श्वसन से फेफड़े सुदृढ़ एवं विस्तृत होते हैं।आपके पैर और हाथ के स्नायु मजबूत बनते हैं।शारीरिक और मानसिक संतुलन बढ़ता हैं।आत्मविश्वास बढ़ता हैं। 
पाचन तंत्र मजबूत बनता हैं।
यह आसन कद की वृद्धि बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम हैं।
इस आसन से शरीर के समस्त स्नायु सक्रीय एवं विकसित होते हैं। 
आपका शरीर मजबूत और सुडौल बनता हैं।
शरीर का आलस्य दूर करने के लिए सर्वोत्तम क्रिया हैं। 
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