योगासनों से परिचय
योगासनों से परिचय´ योगशास्त्रों में योगासनों की संख्या का वर्णन करते हुए कहा गया है कि योगासन की संख्या इस संसार में मौजूद जीवों की संख्या के बराबर है। भगवान शिव द्वारा रचना किए गए आसनों की संख्या लगभग 84 लाख है। परंतु इन आसनों में से केवल महत्वपूर्ण 84 आसन ही सभी जानते हैं। हठयोग में केवल 84 आसनों को बताया गया है, जो मुख्य है तथा अन्य आसनों को इन्ही 84 आसनों के अन्तर्गत सम्माहित है। इन आसनों में 4 आसन मुख्य है- समासनपदमासनसिद्धासनस्तिकासन बाकी अन्य दूसरे आसन व्यायामात्मक है। प्रत्येक आसन को अलग-अलग तरह से किया जाता है और इन आसनों के अभ्यास से अलग-अलग लाभ मिलते हैं। आसनों का प्रयोग केवल मनुष्य ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षी भी करते हैं। इन आसनों के अभ्यास से सभी को लाभ मिलता है। उदाहरण के लिए- जब बिल्ली सोकर उठती है, तो सबसे पहले चारों पैरो पर खड़े होकर पेट के भाग को ऊंचा करके अपनी पीठ को खींचती है। इस प्रकार से बिल्लियों द्वारा की जाने वाली यह क्रिया एक प्रकार का आसन ही है। इस तरह से कुत्ता भी जब अपने अगले व पिछले पैरों को फैलाकर पूरे शरीर को खींचता है तो यह भी एक प्रकार का आसन ही है। इसस...