पश्चिमोत्तान आसन
पाचनतंत्र को ठीक करता है पश्चिमोत्तान आसन
पश्चिमोत्तान आसन रखता है पाचन क्रिया को दुरुस्त।पीठ दर्द से मुक्ति दिलाने में भी मददगार है पश्चिमोत्तान आसन।पश्चिमोत्तान आसन करता है डायबिटीज को नियंत्रित।स्लिप डिस्क या साइटिका वाले न करें पश्चिमोत्तान आसन।
कहा जाता है कि अगर पेट ठीक हो तो कोई भी बीमारी पास नहीं आती है। क्योंकि शरीर में ऊर्जा की गति का पाचन तंत्र से बहुत गहरा संबंध है। पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली बिगड़ते ही किसी भी व्यक्ति को दुनिया भर की बीमारियां घेरने लग जाती हैं। पाचन तंत्र सही रहे इसीलिए चिकित्सा की सभी पद्धतियों के विशेषज्ञ आहार-विहार सही रखने के लिए कहते हैं। पाचन तंत्र को सही रखने के लिए ही योग के आचार्यो ने खास तौर से कई आसन और क्रियाएं बताई हैं। इनमें ही एक है - पश्चिमोत्तान आसन। यह आसन न केवल पेट, बल्कि पीठ की नसों और हड्डियों पर भी अच्छा प्रभाव डालता है। इस तरह यह पाचन तंत्र को तो दुरुस्त करता ही है, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों को भी पीड़ा से मुक्ति दिलाता है।
विधि
पैरों को सामने की तरफ फैलाकर पूरा तान लें और एक-दूसरे से सटाकर रखें। शरीर को ढीला छोड़ दें। किसी प्रकार का तनाव न डालें। सांस को बाहर छोड़ते हुए कमर से धड़ को धीरे-धीरे नीचे की ओर झुकाएं। शरीर को कमर से मोड़कर नीचे झुकाते हुए दोनों हाथों को पैरों पर फैलाती जाएं। कोशिश यह करें कि दोनों पैरों के अंगूठों को हाथ से पकड़ लें। अगर ऐसा न हो सके तो अधिक से अधिक जहां तक हाथ पहुंच सकें वहां पहुंच कर पैर को ही हाथ से पकड़ लें। पैरों को बिल्कुल सीधा रखें। सांस बाहर छोड़ती जाएं और हाथों की कोहनियों को थोड़ा ढीला छोड़ दें। ललाट से घुटनों को छूने की कोशिश करें। घुटनों को न छू सकें तो भी जितना अधिक से अधिक झुक सकें झुकती जाएं। जितनी देर आसानी से संभव हो इसी अवस्था में बैठी रहें। इसके बाद धीरे-धीरे पहले जैसी ही स्थिति में वापस आ जाएं।
लाभ
यह आसन पेट और पीठ की मांसपेशियों को ज्यादा मजबूत बनाता है। यह पेट को बढ़ने से भी रोकता है और जोड़ों में लोच की क्षमता को बढ़ाता है। उपचार की यौगिक पद्धतियों में इसका प्रयोग लीवर की गड़बडि़यों, कोलाइटिस, गुर्दे की गड़बडि़यों, ब्रोंकाइटिस, मासिक धर्म की गड़बड़ी, डायबिटीज और स्नोफीलिया आदि को ठीक करने के लिए किया जाता है।
सावधानियां
अगर आपको स्लिप डिस्क या साइटिका जैसी परेशानी हो तो यह आसन बिलकुल न करें।
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