भारत की आज़ादी का अमृत महाउत्सव

 न चाहूँ मान दुनिया में, न चाहूँ स्वर्ग को जानामुझे वर दे यही माता रहूँ भारत पे दीवाना।।

करुँ मैं कौम की सेवा पडे़ चाहे करोड़ों दुख
अगर फ़िर जन्म लूँ आकर तो भारत में ही हो आना।।























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