आंख

👁आंखें खोलती हैं सेहत से जुड़े ये दस राज़

आंखों के रंगों में बदलाव सामान्‍य समस्‍या नहीं है, बल्कि यह खतरनाक हो सकता है, इसे हल्‍के में न लें और आंखों की जांच करायें।

आंखें और बीमारियां

आंखें कुदरत का सबसे अनमोल तोहफा हैं, न केवल हम इनसे दुनिया को देखते हैं बल्कि आपकी आंखों में ही आपके सेहत का राज छिपा है। आपकी आंखें बहुत कुछ कहती हैं, अगर आपको कोई बीमारी है तो उसका पता आपकी आंखों से आसानी से चल जाता है। अगर आपकी आंखों का रंग बदल रहा है तो इसे हल्‍के में न लें, हो सकता है यह किसी गंभीर बीमारी के संकेत हों। 

मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में

कुछ दिमागी बीमारियां हैं जिनके बारे में आंखें बताती हैं। सीजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी मानासिक बीमारी होने पर आपकी आंखों का रंग अलग होगा। जैसे सीजोफ्रेनिया होने पर व्‍यक्ति अपनी आंखों को ए‍क ही बिंदु पर स्थि‍र नहीं रख सकता है। लेकिन हाल में हुए शोध के अनुसार ग्‍लूकोमा होने पर भी व्‍यक्ति को ऐसी परेशानी होती है।

ब्रेन ट्यूमर होने पर

दिमाग में ट्यूमर होने पर सिरदर्द, थकान, आलस, जैसी स्थिति इसके सामान्‍य लक्षण हैं। लेकिन ब्रेन ट्यूमर होने पर आंखों का रंग बदलता तो है साथ ही देखने में परेशानी होती है, धुधला दिखाई देता है।

थायराइड होने पर

थायराइड ग्रंथि का सुचारु रूप से काम करना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। थकान, वजन कम होना या बढ़ना, बार-बार भूख लगना थायराइड ग्रंथि के ठीक से काम न करने के लक्षण हैं, लेकिन थायराइड ग्रंथि में समस्‍या होने पर आंखें उभरी हुई दिखती हैं। अगर आपकी आंखों में उभार हो तो यह थायराइड के संकेत हैं।

डायबिटीज की समस्‍या

मोटापे और अनियमित दिनचर्या के कारण डायबिटीज के लोगों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। डायबिटीज होने पर आंखों पर भी असर पड़ता है, इसके कारण आंखों की पुतलियों का रंग बदल जाता है और आंखों की रक्‍त वाहिकायें भी प्रभावित होती हैं, इसके कारण नकसीर भी हो सकता है। 

पीलिया होने पर

पीलिया होने पर उसका पता नाखूनों के अलावा आंखों के रंग से भी चल जाता है। पीलिया होने पर आंखों में एक किस्‍म का पीलापन और भूरापन आ जाता है। हालांकि अधिक मात्रा में वसायुक्‍त भोजन करने और फलों और हरी सब्जियों का सेवन कम करने के कारण भी आंखों का पीलापन बढ़ने लगता हैं। इससे देखने की क्षमता पर असर नहीं पड़ता। परंतु यदि आंखों का पीलापन लगातार बढ़ रहा है तो पीलिया की जांच करायें।

मोतियाबिंद

मोतियाबिंद आंखों की बीमारी है, इसके कारण आंखों की रोशनी जा सकती है और आदमी अंधा भी हो सकता है। इसकी शुरूआत धुंधला दिखाई देने से होती है। यह बीमारी आंखों के पर्दे पर धुंधला धब्‍बे बनने के कारण होता है। अगर आंखों पर धुंधले धब्‍बे दिखे तो यह मोतियाबिंद हो सकता है। 

तनाव होने पर

आदमी को यदि तनाव या अवसाद हो तो उसकी आंखें इसके बारे में बता देती हैं। तनाव के कारण अनिद्रा की समस्‍या होती है ओर इसकी वजह से आपकी आंखों का रंग लाल हो जाता है। हालांकि कभी-कभी यह लक्षण थॉयराइड के कारण भी हो सकते हैं।

पैरालिसिस या लकवा

लकवा जैसे गंभीर स्‍ट्रोक होने पर पलकें लटकी हुई दिखाई देती हैं, हालांकि यह समस्‍या बुढ़ापे में होती है। लेकिन कुछ मामलों में लटकी पलकें गंभीर स्‍ट्रोक के संकेत हो सकते हैं। पलकों के लटकने के अलावा आवाज में भी लड़खड़ाहट होने लगती है। इस स्थिति में खानपान पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए। 

एलर्जी होने पर

अगर आपकी आंखें लाल हैं और उनमें खुजली हो रही है तो यह एलर्जी के संकेत हो सकते हैं। एलर्जी होने पर आंखें लाल हो जाती हैं और छींक भी आती है। इस समय नाक बंद हो जाती है और नाक से पानी भी आता है।

उच्‍च रक्‍तचाप में

उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या होने पर भी आंखों के रंग में बदलाव होता है। हाई ब्‍लड प्रेशर के दौरान आंखें लाल हो जाती हैं। इसके अलावा रक्‍त वाहिकाओं यानी ब्‍लड वेसेल्‍स के फैलने के कारण आंखों में सूजन भी हो सकती है। यह उच्‍च रक्‍तचाप के कारण होता है।
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