Eye problems
Yoga Artist: कम उम्र में चश्मा लग जाना आजकल एक सामान्य सी बात है। इस समस्या से जूझ रहे लोग इसे मजबूरी मानकर हमेशा के लिए अपना लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि अगर किसी कारण से एक बार चश्मा लग जाए तो वह उतर नहीं सकता। चश्मा लगने के सबसे प्रमुख कारण आंखों की ठीक से देखभाल न करना, पोषक तत्वों की कमी या अनुवांशिक हो सकते हैं।
इनमें से अनुवांशिक कारण को छोड़कर अन्य कारणों से लगा चश्मा सही देखभाल व खानपान का ध्यान रखने के साथ ही देसी नुस्खे अपनाकर उतारा जा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खे जो आंखों की समस्या में रामबाण की तरह काम करते हैं....
1. पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश करके सोएं। सुबह के समय नंगे पैर हरी घास पर चलें व नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें, आंखों की कमजोरी दूर हो जाएगी।
2. एक चने बराबर फिटकरी को सेंककर सौ ग्राम गुलाबजल में डालें और रोजाना रात को सोते समय इस गुलाबजल की चार-पांच बूंद आंखों में डालें। साथ ही, पैर के तलवों पर घी की मालिश करें। इससे चश्में के नंबर कम हो जाते हैं।
3. आंवले के पानी से आंखें धोने से या गुलाबजल डालने से आंखें स्वस्थ रहती है।
4. बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ व मिश्री तीनों को समान मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण को पीसकर पाउडर बना लें। रोज इस पाउडर को एक चम्मच मात्रा में एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें।
5. बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने और 3 से 5 बूंद आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी रोग में आराम मिलता है।
6. सोया मिल्क में वसा कम और प्रोटीन अधिक होता है। इसमें फैटी एसिड, विटामिन ई पाया जाता है, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
7. हरी सब्जियां और सलाद को भोजन में अधिक से अधिक शामिल करें। इनमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट आंखों को स्वस्थ रखते हैं।
8. ड्रायफ्रूट्स को अपने भोजन में शामिल करने से शरीर को सही मात्रा में ऊर्जा मिलती है। साथ ही, ऐसे पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं, जो आंखों को स्वस्थ बनाते हैं।
9. आंखों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना विटामिन ए, बी व सी से भरपूर फलों व अन्य चीजों का सेवन करना चाहिए। गाजर, आंवला, अमरूद, पपीता आदि वे फ्रूट्स हैं, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं।
10. अपने रोजाना के खाने में लहसुन व प्याज शामिल करें। इनके सेवन से शरीर को सल्फर और पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं।
11. लघुपाठा नाम के पौधे की पत्तियों के रस को नेत्र रोगों में प्रयोग कराने का विधान भी आयुर्वेद में बताया गया है।
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